मिर्च की खेती
मिर्च की खेती

मसालों में मिर्च का अपना ही स्थान है। बिना मिर्च के सब्जियों का जायका बिल्कुल नहीं आ सकता है। वैसे आपको बता दें कि भारत में 7,92000 हेक्टेयर में मिर्च की खेती की जा रही है। इसमें 12,23000 टन उत्पादन प्राप्त होता है। भारत में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान प्रमुख मिर्च उत्पादक राज्य है। तो चलिए आज हम बात करते हैं मिर्च की खेती के बारे में…

1. जलवायु
मिर्च की खेती के लिए गर्म आद्र्र जलवायु अच्छी होती है। साथ ही 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है। ताकि मिर्च का उत्पादन अच्छा हो सके।

2. मिट्टी
मिर्च की खेती के लिए कोई खास किस्म की मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी प्रकार की मिट्टी में लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में हो, साथ ही जल निकासी की उचित व्यवस्था भी होना चाहिए।

3. किस्में
मिर्च की प्रमुख किस्में- काशी अनमोल, काशी विश्वनाथ, जवाहर मिर्च-283, जवाहर मिर्च -218, अर्का सुफल तथा संकर किस्म काशी अर्ली, काशी सुर्ख या काशी हरिता।

4. खेत की तैयारी
बोआई से पहले मिर्च के पौधों की तैयारी जरूरी है। इसलिए ऐसी जगह का चयन करें जहां धूप अच्छी हो। साथ ही बोआई के लिए 3 गुणा 1 मीटर आकार की भूमि से 20 सेमी ऊंचाई क्यारी बना लें।

5. समय
मिर्च की रोपाई वर्षा, शरद, ग्रीष्म तीनों मौसम में की जा सकती है। लेकिन यदि आप इसे खरीफ फसल के लिए लगाना चाहते हैं तो जून से अक्टूबर में इसकी बोआई कर लें। शरद ऋतु की फसल की रोपाई सितम्बर-अक्टूबर तथा ग्रीष्मकालीन फसल की रोपाई फर-मार्च में की जाती है।

6. कीटों से सुरक्षा
मिर्च में थ्रिप्स नामक कीट लगते हैं। इससे बचाव के लिए बुवाई के पूर्व थायोमिथम्जाम 5 ग्राम प्रति किलो बीज दर से बीजोचार करें। नीम बीज अर्क का 4 प्रतिशत का छिडकाव करें।
इसी तरह सफेद मक्खी से बचाव के लिए कीट की सतत निगरानी कर तथा संख्या के आधार पर डाईमिथएट की 2 मि.ली. मात्रा 1 पानी मिलकर छिड़काव करें। माइट से सुरक्षा के लिए  नीम की निबोंली के सत का 4 प्रतिशत का छिड़काव करें।

7. रोग
मिर्च डेम्पिंग ऑफ़ आर्द्रगलन के चलते  नर्सरी में पौधा भूमि की सतह के पास से गलकर गिर जाता है। इससे बचाव के लिए मिर्च की नर्सरी उठी हुयी क्यारी पद्धति से तैयार करे जिसम जल निकास की उचित व्यवस्था हो। एन्थे्रक्लोज से बचाव के लिए फसल चक्र अपनाएं तथा स्वस्थ व प्रमाणित बीज बोये बुवाई पूर्व बीजोपचार अवश्य करें।

8. खरपतवार से सुरक्षा
मिर्च की बेहतर उत्पादन के लिए खरपतवार से नियंत्रण अवश्यक है। इसलिए सामान्यत: मिर्च मे पहली निंदाई 20-25 तथा दूसरी निंदाई 35-40 दिन पश्चात करें।