श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम कर्राई, दुबडी, अहिरवानी, सिलपुरी में निवास करने वाले सहरिया परिवारो के लिए बकरीपालन आजीविका का मुख्य साधन बन रहा है। इन गांव के आधे से अधिक परिवार बकरी पालन कर आर्थिक तरक्की पकडने में सहायक बन रहे है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम कर्राई, […]
किसानों के लिये वरदान साबित हो रही है किसान सम्मान निधि योजना
छोटे किसानों के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना वरदान साबित हुई है। सतना जिले के रामनगर तहसील अन्तर्गत ग्राम बम्हनाड़ी के किसान बिहारी लाल पटेल, राममिलन कोल, रामनगर के रामदास चौरसिया, रामभजन पटेल तथा इन्द्रजीत पटेल बताते हैं कि उनके पास कृषि योग्य़ जमीन है। रबी व खरीफ के समय […]
छग : धान खरीदी के लिए पुराने जूट बारदानों का भी होगा उपयोग
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी के लिए बारदाने की कमी को देखते हुए समितियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पुराने जूट बारदानों के उपयोग की भी अनुमति दी गई है। समितियों से प्राप्त पुराने जूट के बारदानों में धान खरीदी करने के संबंध में आज 24 दिसम्बर को […]
बड़े काम का है सीडलिंग यूनिट… केवल साठ पैसे में मिल रहे सब्जियों के थरहा…
किसी भी मौसम में सब्जियों के रोग रहित और हेल्दी थरहा उपलब्ध कराने के मामले में कोरबा जिले के पताढ़ी और पंडरीपानी की दो सीडलिंग युनिट किसानों के लिए अलादीन का चिराग साबित हो रहीं हैं। इन दोनो युनिटों से अभी तक दो लाख से अधिक सब्जियों के थरहा तैयार कर किसानों को वितरित कर […]
दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने किए जा रहे कई प्रयास…
बस्तर जिले के अन्तर्गत अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने के कारण जिले के किसानों द्वारा धान फसल की खेती प्रमुखता से की जाती है, एक ही फसल के उत्पादन से जमीन की उर्वरक तत्व की कमी भी देखी जा रही है। कृषक तकनीकी ज्ञान के अभाव होने से दलहनी फसलों की खेती से दूरी बनाते […]
बटेर पालन से बढ़ी रही कमाई…
ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने तथा स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आजीविका गतिविधियों से जोडऩे नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत ग्रामों मे बनाये गए गोठान अब फलीभूत होने लगे है। अम्बिकापुर जनपद के आदर्श गोठान केशवपुर में देवी स्व सहायता समूह की महिलाएं बटेर पालन को आजीविका का […]
5 एकड़ में पहले सिर्फ होती थी धान की खेती…लेकिन सब्जी उत्पादन बदली किस्मत और आज…
महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक के भागीरथी ने अपनी पारम्परिक खेती को छोड़ खेत में सब्जी उप्पादन कर इलाकें में अपनी अलग छाप बनाई हैं। पहले वो अपने 05 एकड़ खेत में सिर्फ एक फसली धान की पैदावार लेते थे। जो बदलते दौर में आर्थिक रूप से कम थी। लेकिन उन्होंने अब विभिन्न प्रकार की […]
कटहल की खेती में खेत की तैयारी महत्वपूर्ण
कटहल के वृक्ष को सदाबहार माना जाता है। लेकिन एक वृक्ष तैयार होने में ही 5 से 6 साल का समय लगता है। इसलिए इसकी देखभाल की खास जरूरत होती है, जब तक पौधा वृक्ष के रूप में ना बदल जाए। उसके बाद वो फल देते ही रहता है। वैसे कटहल कच्चा या पका, दोनों […]
पालक की खेती और किस्में…
पालक के बारे में सभी जानते हैं कि यह आयरन से भरपूर होती है। इसलिए हर कोई इसे खाना पसंद करते हैं और विशेषज्ञ भी इसके जूस या सब्जी की सलाह देते हैं। और एक बात और इसमें विटामिन ‘ए’, प्रोटीन, एस्कोब्रिक अम्ल, थाइमिन, रिबोफ्लेविन तथा निएसिन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे […]
केवल वर्षा पर आधारित थी उपेन्द्र की खेती-किसानी…अब वो करने लगा तकनीकों का इस्तेमाल और…फिर
बस्तर जिले के विकासखण्ड बकावण्ड के ग्राम पाहुरबेल के किसान उपेन्द्र द्वारा विगत 17 वर्षों से खेती की जा रही है, पूर्व में कृषक द्वारा केवल वर्षाधारित कृषि की जा रही थी, तत्पश्चात् कृषक ने कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर समय-समय पर दिए जा रहे सुझायों का पालन करते हुए आधुनिक कृषि […]