प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राजनांदगांव के ग्राम रेंगाकठेरा के किसान भागवतराम वर्मा के लिए सुरक्षा कवच बनी। किसान श्री भागवत राम वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ वर्ष 2019-20 में 8.447 हेक्टेयर रकबा का बीमा कराया था। जो कि वर्षा के अनियमितता के कारण पूरा रकबा 8.447 हेक्टेयर रकबा तथा फसल मौसमी […]
मशरूम उत्पादन से स्वावलंबन की ओर महिलाएं…
बस्तर संभाग के सभी जिलों में विभिन्न मशरूम की प्रजातिया बहुतायत से पायी जाती है, जिसे स्थानीय समुदाय के लोग बड़े चाव से खाते है। इन मशरूमों को स्थानीय बोली ”फुटु या छाती” के नाम से भी जाना जाता है। इन मशरूम की प्रजातियों को स्थानीय भाषा में ”माने” ”डाबरी फुटु” ”भात छाती” ”टाकु” ”मजुर […]
भरपूर पैदावार के लिए ऐसे करें रबी फसलों की देखभाल और सिंचाई…
रबी मौसम में होने वाली प्रमुख फसल गेंहू, अरहर, चना, सरसों, अलसी और सूरजमुखी फसलों में कीटों से बचाव, उचित देखभाल और भरपूर पैदावार के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने समसामयिक सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रबी मौसम में गेंहू फसल की बुआई के 20 से 25 दिन के बाद पहली सिंचाई करें। पहली […]
पपीते की खेती ने दिखाई आत्मनिर्भरता की राह…
मंदसौर जिले के डिगाव माली के रहने वाले किसान कन्हैया लाल आंजना ने तीन बीघे की जमीन पर पपीते के पौधे लगाकर लाभ का धंधा बनाया और स्वयं आत्मनिर्भर बने। अब वह दूसरों को दे रहे हैं रोजगार। श्री अंजना बताते हैं कि 3 बीघा जमीन पर लगभग 15 सौ पौधे पपीते के लगाए गए। […]
शेड नेट में परागकण उत्पादन …
विकासखण्ड कोण्डागांव के अंतर्गत ग्राम चलका निवासी सोमारू नेताम पिता सोभी राम नेताम वर्षों से पारम्परिक कृषक के रूप में अपने 1.49 हेक्टेयर भूमि पर धान एवं साग-सब्जियों का उत्पादन करते आ रहे थे, परन्तु इससे उन्हें केवल जीवन यापन लायक ही धनराशि प्राप्त हो पाती थी। अपने उत्पादन आय को बढ़ावा देने के लिए […]
गोभी की ऐसी करें खेती…तो मिलेगा ज्यादा मुनाफा
गोभी सब्जियों में खास स्थान रखता है। ठंड के मौसम में यह बहुतायत में बाजारों में उपलब्ध होता है। वैसे कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोभी की खेती आजकल पूरे वर्ष भर ली जा सकती है, लेकिन बस जलवायु इसके अनुकूल होनी चाहिए। नहीं तो फसल में कीड़े लगने का खतरा बना रहता है। […]
पहले आओ, पहले पाओ के तहत किसानों को मिल रहा सौर सुजला योजना का लाभ
दूरस्थ अंचलों में निवास करने वाले आदिवासी किसानो के लिए सौर सुजला योजना उपयोगी हो रही है। वनांचल क्षेत्र के नदी, नालों, कुआं आदि पानी के मुख्य स्त्रोत है जिसका उपयोग किसान खेती किसानी, साग-सब्जी उत्पादन के लिए करते है। छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना किसानों को कम लागत से पंप स्थापित करके सिंचाई […]
पैरादान के लिए किसान आ रहे आगे
सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी) के तहत जिले के किसान फसल कटाई के बाद खेतों में छोड़े गए पैरा का दान गौठानों में कर रहे हैं जिससे सूखा चारा का संग्रहण हो रहा है। जिले के 157 गौठानों में अब तक 1041.52 टन पैरा का संग्रहण किया जा चुका है तथा किसान लगातार […]
डेयरी फार्म ने बदली किस्मत…तो चल पड़ी जिंदगी की गाड़ी
ग्राम पचौहा, विकासखंड जैतहरी की रहने वाली आरती शर्मा 2018 से राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अन्र्तगत तुलसी स्व सहायता समूह से जुड़ कर अपनी व अपने परिवार की आजीविका चला रही हैं। आरती के घर में पति, एक वृद्ध ससुर व तीन बच्चें हैं। समूह से जुडऩे से पूर्व इनके परिवार की पर्याप्त आय न […]
एक छोटा सा सिंचाई का साधन…किसानों को दे रहा बड़ी-बड़ी सौगात
महात्मा गांधी नरेगा के तहत बनाए जा रहे छोटे-छोटे संसाधन भी स्थायी परिसंपत्तियों के रूप में ग्रामीण परिवार की आजीविका के स्तर में बदलाव लाने में कारगर साबित हो रहे हैं। मेहनतकष परिवारों के लिए कोरिया जिले में बीते दो वर्षों में 652 से ज्यादा कुंए बनाए गए हैं। महात्मा गांधी नरेगा से बनाए जा […]