लॉकडाउन में कुआं निर्माण कर खुशहाल हुआ किसान
लॉकडाउन में कुआं निर्माण कर खुशहाल हुआ किसान

वैश्विक महामारी कोरोना से रोकथाम के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान भी अपने बाड़ी में कूप निर्माण से रोजगार का अवसर पाकर आजीविका और भविष्य के लिए पेयजल कि उत्तम व्यवस्था करते हुए सिंचाई का साधन मिलना किसी मुँह मांगे इनाम से कम नही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कुंआ निर्माण से लाभ लेकर हितग्राही मनबोध पिता सिद्धराम को बहुत फायदा हुआ। विकासखण्ड पण्डरिया (छग) के ग्राम पंचायत लिंम्हईपूर निवासी मनबोध को 1 लाख 99 हजार रूपए कि लागत से कुंआ निर्माण का कार्य स्वीकृत होकर मिला।

इस कार्य में मनबोध और उसके परिवार सहित अन्य 46 मजदूरों को लगभग 150 मानव दिवस का रोजगार मिल गया। 13 फरवरी से प्रारंभ हुआ यह कार्य अभी अपने निर्माण के अंतिम चरण पर है। मध्य मार्च से कोविड-19 के बचाव हेतु लगे लॉकडाउन में मनबोध के परिवार को अपने कुंआ से रोजगार मिल गया। इस कार्य में अब-तक 22 हजार 310 रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया है जिसमें मनबोध के परिवार को 16 हजार 200 रूपए का मजदूरी भुगतान मिला है। पांच सप्ताह चले इस कार्य से घर में कुल 35 फीट कुंए का निर्माण किया गया। कूप  में अभी लगभग 23 फीट से पानी मिल गया है।   कुंआ निर्माण के संबंध में मनबोध बताते है कि पहले पेयजल के लिए अपने घर से दूर हैण्ड पम्प में पानी लेने के लिए जाना पड़ता था। हैण्ड पम्प में भिड़ होने से पानी लेने  के लिए लाइन लगाना पड़ता था जिसके कारण  देर भी होता था।

बाड़ी में सिंचाई का साधन नहीं होने से सब्जी-भाजी लगाने के लिए भी मौसम पर निर्भर था। मनबोध आगे कहते है कि रोजगार गारंटी योजना से बन रहा मेरा कूप अभी पूरा भी नही हुआ और इसके फायदे मिलने लगे हैं जिसमे रोजगार पाते हुए अपनी बाड़ी में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी कि व्यवस्था हो गई है, अब किसी और साधन के ऊपर निर्भर रहने कि जरूरत नहीं है।  अब अपने सुविधा अनुसार पानी घर मे ही उपलब्ध हो रहा है साथ मे बड़ी की सिंचाई के लिए व्यवस्था हो गया है। कूप में जगत को बनाने के बाद  मौसमी सब्जी लगाकर आमदनी के लिए मनबोध योजना बनाने लगे है।