जैविक गुड़ बनाने की मिली जानकारी
जैविक गुड़ बनाने की मिली जानकारी

एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत् दतिया जिले को गुड़ के मामले में अलग पहचान दिलाने हेतु जिले के गन्ना एवं गुड़ उत्पादक किसान आगे आ रहे हंै। दतिया जिले के ग्राम सिजौरा के एक कृषक श्री बल्ली कुशवाहा द्वारा चार बीघा जमीन में वर्षो से गन्ना की खेती कर पांच वर्षो से गुड़ का उत्पादन ले रहे हैं।

एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत् दतिया को गुड़ उत्पादक जिले के रूप में नई पहचान मिले इसके लिए बल्ली कुशवाहा केमीकल रहित गुड बना रहे है। उनका कहना है कि उन्हें पता लगा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक किसान द्वारा जैविक गुड़ के साथ औषधी युक्त गुड़ का उत्पादन कर साधारण गुड़ की अपेक्षा कई गुना अधिक दाम ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा भी शुद्ध जैविक गुड का उत्पादन किया जा रहा है। गुड निर्माण में किसी प्रकार के रसायन (कैमीकल) का उपयोग नहीं करते है। बल्कि गुड का स्वाद एवं पोषक तत्व भी बरकरार रहे। इसके लिए गुड बनाते वक्त रस से कचरा साफ करने हेतु अरण्ड़ी का तेल एवं जंगली भिण्ड़ी का उपयोग कर रहे हैं।
श्री कुशवाहा ने बताया कि गुड़ बनाने के इस कुटीर उद्योग के माध्यम से गन्ने की छिलाई, ग्रेडिग, पिराई एवं गुड बनाने से जुडे 10 जरूरतमंदों को रोजगार भी दे रहे है। उनके द्वारा प्रतिदिन पांच क्विंटल गुड का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं के खेतों में लगाए गए गन्ने के साथ आस-पास के किसानों से भी 300 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीद रहे है। उन्होंने बताया कि जिले में उन्नत किस्म का गन्ना पैदा होने के कारण गुड़ को खरीदने हेतु व्यापारी सीधे उनसे सम्पर्क करते है और डबरा मंड़ी में जाकर वह गुड़ का विक्रय कर रहे हंै। जिससे गुड़ के दाम भी उन्हें बेहतर मिल रहे हैं।