कुंआ निर्माण की वजह से किसान कमल की दिनो-दिन समृद्ध होती खेती-किसानी और मुनाफे को देखकर ग्राम पंचायत झिरिपानी के 30-35 किसानों ने भी अपने खेतों में कुंए का निर्माण कराकर अब बेहतर तरीके से फसलों का उत्पादन के साथ-साथ नगदी फसलों की भी खेती करने लगे हैं। इससे किसानों की आमदनी लगभग 30 से 40 हजार रूपए बढ़ गई है। मनरेगा के तहत कुंए का निर्माण होने से फसलों की सिंचाई के लिए जल उपलब्धता सुनिश्चित हुई है और किसान आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर होने लगे हैं।
गरियाबंद जिले के अंतिम छोर में बसे देवभोग ब्लॉक के ग्राम झिरिपानी के सीमांत किसान श्री कमल के खेत में निर्मित कुंए ने उसके जीवन में खुशहाली ला दी है। सिंचाई सुविधा उपलबध होने से कृषक कमल को अब खेती-किसानी से सालाना 60 से 70 हजार रूपये की अतिरिक्त आय प्राप्त होने लगी है। कृषक श्री कमल के खेत में मनरेगा के तहत एक लाख 65 हजार रूपए की लागत से कूप का निर्माण हुआ है। कुऑ बनने के बाद किसान कमल ने परम्परागत खेती के साथ-साथ सब्जी-भाजी की भी खेती शुरू कर दी। जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ होने लगा है। कृषक श्री कमल ने कुंआ के चारों ओर केला, पपीता, कटहल, मुनगा, अमरूद एवं अन्य फलदार पौधों का रोपण किया है। वह वर्तमान में बाड़ी विकसित कर उसमें टमाटर, तरोई, लौकी, मखना, बरबटटी, प्याज भाजी, सेमी, लहसुन, धनिया, भाटा आदि की खेती कर रहे हैं।
गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना अंतर्गत राज्य में संचालित आजीविका संवर्धन की गतिविधियों ने कई परिवारों की जिंदगी बदल दी है। जीवन-यापन के साधनों को सशक्त कर लोगों की आर्थिक उन्नति की ओर बढ़ रहे हैं। महात्मा गांधी नरेगा से निर्मित संसाधनों ने हितग्राहियों की आजीविका को सुदृढ़ किया है। नए संसाधनों ने उन्हें इस काबिल भी बना दिया है कि अब वह कठिन परिस्थिति से उबरने लगे हैं।