उद्यानिकी फसलों की ओर किसानो का रूझान बढ़ रहा है। अब जिले के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों को सुगमता से आवागमन के दौरान देखा जा सकता है। लटेरी विकासखण्ड के ग्राम शहरखेडा के कृषक मुन्नीलाल धाकड़ ने 0.250 रकवे में अदरक की फसल ली है। जिसमें पांच क्ंिवटल बीज 35 हजार रूपए का, जून माह के प्रथम सप्ताह में रोपण किया गया था अदरक की फसल में खाद, दवा एवं खेत की तैयारी में कुल सात हजार रूपए और खर्च हुए थे इस प्रकार कृषक मुन्नीलाल धाकड़ ने कुल 42 हजार की लागत से अदरक की खेती की है। खेत में खड़ी फसल की व्यापारियों द्वारा एक लाख बीस हजार की कीमत लगा चुके है। कृषक मुन्नीलाल का कहना है कि इतनी कीमत में मैं अपनी अदरक की फसल को बेचूंगा। वर्तमान में फसल का आंकलन व्यापारियों द्वारा लगाई गई कीमत से अधिक हो रहा है अत: थोडा और इंतजार करूंगा नही तो बाजार में स्वंय जाकर बेचूंगा। कृषक मुन्नीलाल धाकड़ का कहना है कि उद्यानिकी फसलों से ऐसी आमदनी होगी मुझे कल्पना नही थी मैं अपने अन्य कृषक भाईयों से भी अपील करूंगा की वे कम से कम आधा हेक्टेयर में उद्यानिकी फसल जरूर ले जो हमारी आर्थिक स्थिति में वृद्वि की सहायक होंगी।
ऐसे करें खेती…
अदरक गर्म जलवायु का पौधा है। इसलिए कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इसकी खेती की जा सकती है। दोमट, रेतीली भूमि सर्वोत्तम होती है। लेकिन इसमें पानी निकासी के लिए समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही अदरक की खेती रेतीली, चिकनी दोमट, लाल दोमट में भी की जा सकती है। इसके लिए आपको खेत की अच्छी तरह जुताई कर समतल कर लेना होगा। इससे मिट्टी भुरभुरा हो जाएगा। अदरक की बोआई के लिए अप्रैल और मई महीना सबसे उपयुक्त होता है। अदरक की खेती के लिए आप एक निश्चित दूरी पर इसके बीज लगा सकते हैं। ताकि फसल का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो सके।