छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लॉकडाउन अवधि में लघुवनोपज के परिवहन एवं भण्डारण में छूट तथा वनोपज के समर्थन मूल्य में वृद्धि संकट के समय में वनवासियों के लिए मददगार साबित हुई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु लगाए गए लॉकडाउन अवधि में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण से वनवासियों को आय का अच्छा जरिया मिला जिससे जरूरत को सामान आदि खरीदने में बड़ी राहत मिली है। सरगुजा जिले के 07 वन परिक्षेत्र में लघु वनोपज की खरीदी जारी है। वन विभाग द्वारा 12 समितियों के माध्यम से वनोपजों की खरीदी संघ द्वारा निर्धारित दर पर किया जा रहा है। अब तक 706.37 क्विंटल वनोपज की खरीदी समितियों द्वारा की गई है तथा 1 हजार 228 संग्राहकों को 15 लाख 76 हजार 797 रूपए की राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से खाते में कर दी जाएगी।
सरगुजा के उदयपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत घाटबर्रा निवासी श्री हलसाय ने बताया कि वह 2 किं्वटल महुआ फूल तथा 60 किग्रा चरौटा बीज संग्रहण कर समिति में व्रिक्रय किया है। महुआ फूल से 6 हजार रुपये तथा चरौटा बीज से 840 रुपये की राशि प्राप्त हुई। 5 सदस्यीय परिवार के मुखिया हलसाय ने बताया कि लघु वनोपज संग्रहण से प्राप्त हुई राशि से बच्चों के लिए कपड़ा तथा घर के लिए बर्तन खरीदा। उन्होंने बताया कि वनोपज उनके जीवन का अहम हिस्सा है। वनोपज संग्रहण से जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में मदद मिलती है।
वनमंडलाधिकारी पंकज कमल ने बताया कि सरगुजा जिले में लघु वनोपजों का संग्रहण 14 समिति के माध्यम से किया जा रहा है जिसमें से अब तक 12 समितियों के द्वारा खरीदी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 706.37 क्विंटल वनोपज का संग्रहण किया गया है जिसका कुल मूल्य 15 लाख 76 हजार 797 रूपए है। अब तक चरौंटा बीज 238.83 क्विंटल, हर्रा 99.90 क्विंटल, बहेड़ा 85.86 क्विंटल, कुसमी लाख 3.05 क्विंटल, धवई फुल 52.40 क्विंटल, ईमली आटी 25.16 क्विंटल, ईमली बीज रहित 0.40 क्विंटल , महुआ फूल 191.03 क्विंटल, चिरौंजी 0.42 क्विंटल , बेलगूदा 6.72 क्विंटल, रंगीनी लाख 2 क्विंटल, नागरमोथा 60 किलो का संग्रहण किया गया है। श्री कमल ने बताया कि जिले के सात वन परिक्षेत्र में संचालित वनोपज संग्रहण केन्द्रों में अधिकारी सहित कर्मचारी सतत् भ्रमण कर गुणवत्ता का निरीक्षण कर रहें हैं और संग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण वनोपज संग्रहण करने हेतु प्रेरित कर रहे है। अधिकारियों द्वारा वनोपज संग्राहकों को वनोपज संग्रहण के दौरान तथा संग्रहण केन्द्रों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक निर्देशों के अनुपालन करने की सलाह दी जा रही है। परिणामस्वरूप संग्राहक अनुशासित ढंग से वनोपजों का संग्रहण एवं विक्रय कर रहे हैं। लघु वनोपज वनवासियो के लिए कोरोना काल मे अतिरिक्त आय का अच्छा साधन साबित हुआ।